चैत्र नवरात्रि का पहला दिन आज, इस विधि से करें कलश स्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा

पटना। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है और नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है. मां शैलपुत्री के माथे पर अर्धचंद्र सुशोभित है और मान्यता है कि उनका पूजन करने से व्यक्ति की कुंडली में मौजूद चंद्र दोष दूर होता है. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ ही पूजा आरंभ की जाती है और दुर्गा चालीसा के पाठ के बाद पूजा सम्पन्न होती है. इस दिन मां शैलपुत्री की कथा अवश्य पढ़नी चाहिए. इससे मां प्रसन्न होती हैं और भक्तों को अपना आशीर्वाद देती हैं.

मां शैलपुत्री की पूजा विधि
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री का पूजन किया जाता है और इस दिन पूजा की शुरुआत कलश स्थापना के साथ की जाती है. कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा को तिलक करें और उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं. फिर आरती करें और दुर्गा चालीसा पढ़ें.

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार घटस्थापना के लिए बेहद ही कम समय का शुभ मुहूर्त निकला है और इस मुहूर्त में कलश स्थापना करना अधिक फलदायी होता है. पंचांग के अनुसार घटस्थापना के लिए सुबह 6 बजकर 29 मिनट से लेकर सुबह 7 बजकर 40 मिनट तक शुभ मुहूर्त है.

घटस्थापना विधि
चैत्र नवरात्रि के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. इसके बाद मंदिर में साफ-सफाई करें और चौकी ​पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की मूर्ति की स्थापना करें. मूर्ति स्थापना करने के बाद माता को लाल चुनरी चढ़ाएं और कलश की स्थापना के लिए मिट्टी के बर्तन मिट्टी और जौ के बीज डालें. चौकी पर कलश स्थापित करने से पहले कुछ दाने जौ या चावल रखें. फिर कलश के ऊपर आम की ​पत्तियां रख दें और उस पर नारियल रख दें. कलश स्थापना के बाद मां दुर्गा की पूजा करें.

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